स्वास्थय : विज्ञान का युग है या अज्ञान का
इंसान सैकड़ो तरह का भोजन कर रहा है , इसके अलावा अलग से सप्लिमेंट्, दवाइयाँ भी ले लेता है। हर तरह के विटामिन के लिए अलग भोजन, ये नहीं खाओगे तो इस चीज की कमी शरीर मे हो जायगी, बचपन से रट रटकर याद कर लिया। गाँव में तीस चालीस वर्ष पूर्व तक भोजन की कुछ किस्मे ही लोग खाते थे। आसपास इलाके में जो उगता था वही खाते थे, किसी भी तरह से कोई न्यूट्रीसंn की कोई कमी नहीं थी। शाकाहारी जानवर जैसे गाय बैल केवल घास से सारे विटामिन कैसे प्राप्त कर लेते हैं। मांसाहारी जीव केवल मांस से सारे तत्व कैसे प्राप्त कर लेते हैं। बकरी केवल पत्तो घास से सभी पोषक तत्व कैसे प्राप्त कर रही है।
प्रकृति में हमारे आस पास जो भी उगता है उसी में हमारे लिए सभी जरूरतें पूरी करने की चीजें मौजूद हैं। एक तरह के भोजन से सारे तत्त्व कैसे मिल रहे हैं बाकी जीवों को, कुंवे का पानी पीकर सौ साल तक स्वस्थ रहते थे। दातून करके अस्सी साल तक चने चबा सकते थे। कुल मिलाकर निष्कर्ष यही निकलता है यदि Fertilizers & Pesticides, Chemicals & Petro-Chemicals मुक्त चीज खाने को मिले तो कुछ चीजों से शरीर के सभी पोषक तत्त्व मिल सकते हैं।
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